आंदोलन का मामला सूलझा मगर कंपनी युनियन के नेताओकी भूमिका पर प्रश्नचिन्ह ?
घूग्गूस प्रतिनिधी :-
ए.सी.सी सिमेंट कंपनी आये दिनों हमेशा किसी ना किसी वारदात या फिर दुर्घटना से घीरी रहती है, इसलिए ये सवाल शायद कंपनी के प्रकल्प संचालक प्रमुख के सामने खडे होते होंगे मगर कंपनी के कुछ अधिकारी अपनी भ्रष्ट नितिसे ना केवल कंपनी को बल्की पुरे मैनेजमेंटकोही कटघरेमे खडी करती दिखाई दे रही है. ऐसाही एक वाक्या कल सोमवार को अचानक पॉवर प्लांट के कामगारों साथ घटित हुवा, मगर मंगलवार 11:00 बजे घुघूस के थानेदार ने एसीसी कंपनी व कामगारों को बुलाकर घुघूस थाने में चर्चा की व मध्यस्थी कर कामगार को कम से कम 20 ड्यूटी दी जाए ऐसा आश्वस्त किया गया। मगर गौर करणे लायक एक बात है की बीते कही वर्षोसे युनियन चलालेवाली कामगार नेताओं ने
इसमें अपनी भूमिका नही बजाई और कही वर्षोषे युनियन का चुनाव ही नही होणे देनेसे उनके भूमिका पर अब सवाल उठाया जा रहा है . दुसरी ओर कामगारो मे संकल्प है की बहार के कोई कामगार जो बाहर से लोगों को पावर प्लांट पर कम रोजी में दूसरे ठेकेदार के माध्यम से लिया जा रहा है उसे तुरंत बंद किया जाए जबकी कंपनी उनके साथ अन्याय कर रही है। वे 18 साल से इस कंपनी में अपना खून पसीना बहा कर ड्यूटी कर रहे हैं और इसी पर उनका घर का गुजर-बसर चलता है।
कंपनी पावरप्लांट का HOD जोर-जबर्दस्ती व धमकाकर कामगारो को मानसिक तकलीफ देता है और एसीसी कंपनी के एचआर के पास कई बार कामगार मिलने गए उस वक्त उन्होंने भी अपशब्द कहे और कहा कि काम करना है तो करें नहीं तो अपने घर चले जाएं। यह सब घुघूस थाने में कामगारों ने आपबीती थानेदार राहुल गांगुर्डे व ACC कंपनी के अधिकारी अभिजीत उबरहंदेब व योगेंद्र सिंह तालियां के सामने कहीं।
पावर प्लांट HOD के कहे मुताबिक यह सब एचआर के आदेश निर्देश पर कामगारों को काम दिया जाता है।
आए दिन विवादों में रहती एसीसी कंपनी चाहे कामगारों का मामला हो या सीमेंट चोरी प्रकरण या कोयला हेरा फेरी या कोयला overload या परिवहन और प्रदूषण जैसे अनेक मुद्दे कंपनी के में घटिको दर्षाते है और इन सभी मामले घुघूस थाने में दर्ज है।