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सनसनीखेज :- चंद्रपूर वणी से मध्यप्रदेश पहुंचे कोयला स्टॉक पर मध्यप्रदेश प्रशासन की बडी कारवाई.

फिर चंद्रपूर वणी के क्षेत्र मे गैरकानुनी कोयला प्लॉट पर क्यो नही कारवाई? क्या है राज?

चंद्रपूर विशेष प्रतिनिधी:-

चंद्रपूर वणी कोल माइंससे पॉवर प्लांट को जानेवाले कोयले की चोरी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के जिल्हा उपाध्यक्ष राजू कुकडे इन्होने प्रेस कॉन्फरन्स लेकर उजागर करके इन कोयला चोरीकी सीबीआय जांच करनेकी मांग की थी. क्योंकि चंद्रपूर वणी क्षेत्र मे वेकोली कोयला खदानसे निकले कोयले को बडी पैमाने मे विमला और राजूर सायडिंग से मध्यप्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को भेजा जा रहा है, उसमें बडी पैमाने मे स्टीम कोयला चोरी करके बची कोयला चुरी मे पॉवर प्लांट की राख और कोल वॉशरिज का रिजेक्टेड कोल मीलाकर मध्यप्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को भेजा रहा था, मजे की .बात यह है की वही स्टीम कोयला मध्यप्रदेश के सिंगरोली जीलेमे स्थित कोयला व्यापारी के निजी कोयला प्लांट पर स्टॉक करके रखा जा रहा था. और करोडो रूपयोका कोयला घोटाला चल रहा था. इसी की सूद लेते हुए सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने कोयला खनन क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध कोयला भंडारण करणेवाले
कोयला ट्रान्सपोर्टर और व्यापारी के प्लॉट पर एसडीएम चितरंगी नीलेश शर्मा को भेजकर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया.

जांच के दरम्यान ट्रांसपोर्टरों के पास से कोयला भंडारण के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे, कोयला बिना किसी वैध दस्तावेज के भंडारित कर रखा गया था। टीम ने गोरबी ब्लॉक में करीबन 41500 टन अवैध कोयला का भंडारण पाया। जिसकी जब्ती की कार्रवाई की गई है, प्रदेश की ब्लैक लिस्टेड कंपनी आरकेटीएस का सिंगरौली जिले में बड़ा कोयला भंडार भी मिला है, उसके यार्ड में 15000 टन कोयला अवैध तरीके से रखा हुआ था इस पुरी कारवाई मे जप्त की गयी कोयले की किमत 10 करोड हौनेका अंदेसा है.

एक ओर जहाँ मध्य प्रदेश सरकार प्रशासन ने सूद लेकर सिंगरौली जिले में अवैध कोयले के भंडारण पर कार्रवाई करते हुए कोयले के काले कारनामों का खुलासा किया है, और एनसीएल के गोरबी बी ब्लॉक में ट्रांसपोर्टरों ने 10 करोड़ कीमत का करीबन 41500 टन कोयला अवैध तरीके से एकत्रित कर रखा था, उसकी जांच सुरू की है और उनके पास खरीदी से लेकर भंडारण तक के किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं मिले हैं इसलिए प्रशासन ने ऐसे 8 ट्रांसपोर्टरों खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए कोयला जब्‍त कर लिया है फिर चंद्रपूर और वणी क्षेत्रमे चल रहे गैरकानुनी कोयला प्लॉट खुलेआम चल रहे फिर इसकी जांच क्यो नही हो रही? ऐसा सवाल उठाया जा रहा है.

चंद्रपूर और वणी क्षेत्रमे जो वेकोली खदाने है उसमें मध्यप्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को कोयला बडे पैमाने मे जा रहा है मगर उसमें पॉवर प्लांट की राख और कोयला चुरी के साथ कोल वॉशरिज का कोयला मीलाकर भेजा जा रहा है और स्टीम कोयला खुले मार्केट मे बडे दाम मे बेचा जा रहा है. यही खुले मार्केट मे भेजा जा रहा कोयला स्टॉक मध्य प्रदेश सरकार प्रशासन ने सिंगरौली जिले मे स्थित कोयला प्लॉट मे पकडा है जिसकी किमत करीबन 10 करोड है. ताज्जूब की बात यह है की पिछले कई सालोसे चंद्रपूर वणी परिसर मे कोयला व्यापारियों के गैरकानुनी कोयला प्लॉट सुरू है वहाँपर महाराष्ट्र राज्य सरकार या जिला प्रशासन कारवाई क्यो नही करती? क्या इसमें जिला प्रशासन मिला हुवा है? ऐसा सवाल उठाया जा रहा है

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