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सणसनी :-जिला खनीकर्म अधिकारी दे रहे कोयला माफियो के कोल डेपो को अभयदान?

नागाडा पडोली स्थित गैरकानूनी तौरपर चल रहे कोयला डेपो बने कोयला हेराफेरी के अड्डे, क्यू खामोश हॆ प्रशासन?

चंद्रपूर :-

जिले के घुग्गुस रोड पर स्थित नागाडा-पडोली के करीबन 24 कोयला डेपो गैरकानूनी तरीकैसे चल रहे है, जिसको प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पहिलेही बंद करनेके आदेश दिये थे, मगर कोयला चोरी और हेराफेरी के अड्डे बने ये कोयला डेपो अभीभी अपने अंदाज मे बडे ही शानदार तरीकेसे जोरशोर से शुरु है, इसका कारण यह है की इन कोयला डेपो मालिकोसे पैसा लेकरं जिला और पोलीस प्रशासन मूक संमती दे बैठे है. एक ओर जहाँ जिलाधिकारी विनय गौडा इन्होने जिला खनिकर्म अधिकारी नैताम को इन कोयला डेपो पर निगरांनी और उनपर कार्यवाही करनेकी अनुमती दी है मगर ताज्जूब की बात यह है की उन्होने इसे केवल अपने अधिकार का दुरुपयोग करके धन उगाई का साधन बनाया है ऐशी चर्चा जोरोपर है,

चंद्रपुर के घुग्गुस मार्ग स्थित पडोली नागाडा परिसर में कई कोल डीपो है. दो महिना पूर्व ज़िला खनिकर्म विभाग के उड़न दस्ते ने जैन के एक डीपो को सील करने की कारवाई की. जिससे कोयला व्यापारियों में हड़कंप मच गया था मगर उसके बाद फिर वॊ कोल डेपो शुरु है, राजुरा पुलिस स्टेशन अंतर्गत गैरकानूनी तरिकेसे चल रहे कोयला डेपो पर जिला खनिकर्म के कुछ अधिकारीयोने कोयला डेपो वर धाङ मारकर करीबन 40 टन का कोयला जप्त किया था मगर दो दिन मे भी उनपर एफआयआर नही हुयी थी इसलिये कारवाई पर शक जताया जा रहा हॆ, इसका मतलब साफ है की जिला प्रशासन इस ओर जानबुझकर अनदेखी कर रहा है, जिला खनिकर्म विभाग एक कोयला डेपो पर धाड डालता है फिर बाकी कोयला डेपो पर मेहराबन क्यो ऐसा सवाल पूछा जा रहा है.

2019 मंडल द्वारा 24 कोल डिपो बंद करने के आदेश जारी किये गये थे, परंतु अब तक कितने कोल डिपो बंद हुए है, इसकी जानकारी तो खुद मंडल को ही पता नही होगी, क्योंकि अबतक की ली गयी jजानकारी के अनुसार 2019 से 2023 तक इन चार सालों में एक भी कोल डिपो अभी तक बंद नहीं हुआ है, बल्की कही और कोल डेपो बने है ऐशी जाणकारी मिली है, दरम्यान जिले में कोल डिपो को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा तय किए गये नियमों के अनुसार अनुमति लेना अनिवार्य होता है, परंतु शहर तथा गांव से सटे क्षेत्र में कोयले की कालाबाजारी करने बाले कोल डिपो संचालकों ने इसकी कोई भी अनुमति लेना जायज नहीं समझा, जिसके चलते यहां अवैध तरीके से कोयले की कालाबाजारी तो हो रही है, साथ में अवैध धंदे के कारण शहर और गाव में प्रदूषण भी बढ़ते जा रहा है,

बंद होनेवाले यह कोयला डेपो क्यो शुरु है?

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जिस 24 अवैध कोल डिपो को तत्काल बंद करने के आदेश दिये थे। इन 24 में से अभी तक एक भी कोल डिपो बंद नहीं हुआ है। इसमें नागाडा स्थित ओम प्रकाश ट्रेंडिंग कंपनी, केजीएम कोल डिपो, सुरेश अग्रवाल कोला डिपो, ज्योति इंटरप्राइजेस, ज्योती इंटरप्राइजेस (प्रकाश अग्रवाल कोल डिपो), महेश शर्मा कोल डिपो, पडोली का आदित्य जैन कोल डिपो, महाकुर्ला स्थित शाह कोल डिपो, श्री लक्ष्मी कोल डिपो, खुटाला की युनूस भाई कोल डिपो व अन्य कुछ कोल ने डिपो का समावेश है, दरम्यान जिला खनिकर्म अधिकारी नैताम को जिलाधिकारी विनय गौडा ने जिस प्रकारकी जिम्मेदारी दी थी वे उन जिम्मेदारी पर खरे उत्तरे नही इसलिये अब जिलाधिकारी उनपर कौनशी ऍक्शन लेंगे यह देखना अब बाकी है.

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