कोरोना अपडेट :-
देशमे अबतक कोरोनासे मरनेवालोकी संख्या १९९ हो गयी है, और देशभर में अबतक 50 से अधिक डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की खबर है.
कोरोना वायरस की वजह से भारत में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अबतब के आकडे के मुताबिक देशमे १९९ लोगोकी जान जा चुकी है, जहाँ दुनियाभर में मरीज़ और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है. लेकिन सभी देशों में आंकड़ों की रफ़्तार एक जैसी नहीं है. जैसे कोरोना वायरस केस की संख्या को भारत में 100 से 1,000 तक पहुंचने में 15 दिन लगे थे. ये दुनिया में दूसरी सबसे धीमी केस बढ़ने की रफ्तार थी. 1000 तक ये एक अच्छी ख़बर थी. लेकिन भारत इस अच्छे प्रदर्शन को आगे बरकरार नहीं रख सका.
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बुधवार, 8 अप्रैल की दोपहर तक कोरोना वायरस पॉजिटिव केस की संख्या 5,200 को पार कर चुकी थी. नौ दिन पहले तक ये आंकड़ा 1,071 था. यानी नौ दिन में ही केस पांच गुना बढ़ गए.
मरीज़ों की बढ़ती तादात देखकर अब भारत में भी चिंता बढ़ने लगी है
*आंकड़ों का गणित कुछ और भी कहता है*
इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हर दिन की स्थिति वाली रिपोर्ट को खंगाला है. इसके मुताबिक़ 5,000 केस तक पहुंचने में देश में जो मौतों का आंकड़ा है, वो महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले कुछ देशों से भी ज्यादा है. 5,000 केस पहुंचने तक मौत के आंकड़े में भारत विश्व में आठवें नंबर पर है. अमेरिका, ईरान, स्पेन और चीन वो देश हैं, जहां 5,000 केस तक मौतों का आंकड़ा भारत से कम रहा है.
# 5,000 केस तक मौत के बाक़ी आंकड़े क्या कहते हैं?
दुनिया में स्वीडन ऐसा देश है, जहां 5,000 केस पहुंचने तक मौत का आंकड़ा सबसे ऊंचा रहा. 3 अप्रैल को स्वीडन में 5,466 कोरोना वायरस केस सामने आए. तब तक स्वीडन में 282 मौत हो चुकी थीं. स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने तब कहा था कि देश को शायद हजारों की संख्या में मौत देखनी पड़े.
नीदरलैंड्स का इस मामले में स्वीडन के बाद दूसरा नंबर है. यहां 5,000 केस तक पहुंचने में मौतों का आंकड़ा 276 रहा. स्वीडन और नीदरलैंड के बाद इस कड़ी में इटली (234), यूके (233), बेल्जियम (220), डेनमार्क (203) और ब्राजील (207) का नंबर आया.
इस चार्ट में भारत आठवें नंबर पर है. यहां 5,000 पॉजिटिव केस क्रॉस करने के बाद मौतों की संख्या 149 रही. इतने केस तक मौतों की स्थिति के मामले में भारत के बाद फ्रांस (148), ईरान (145), स्पेन(136), चीन (132) और अमेरिका (100) का नंबर है.
5,000 केस तक पहुंचने में जर्मनी में सबसे कम मौत हुई थी. 17 मार्च को जर्मनी में कुल 6,012 पॉजिटिव केस सामने आ चुके थे. लेकिन तब तक यहां सिर्फ 13 मौत ही हुई थीं.
दुनिया भर में लोग इस सवाल से ज़्यादा परेशान हैं कि लॉकडाउन खुलने के बाद क्या सब कुछ नॉर्मल हो सकेगा (तस्वीर इंडिया टुडे)
# 1,000 से 5,000 केस तक दूसरे देश कितनी तेजी से पहुंचे?
इंडिया टुडे की DIU ने पाया कि 8 अप्रैल को 27 देश ऐसे रहे, जहां COVID-19 पॉजिटिव केस का आंकड़ा 5,000 को पार कर चुका है. गौर करने वाली बात है कि जब भारत ने 1,000 केस के आंकड़े को पार किया था, तो दुनिया में 42 देश ऐसे थे, जहां 1,000 केस की संख्या पार हो चुकी थी.
चीन ऐसा देश रहा, जो 1,000 केस से 5,000 तक सबसे तेज यानी महज चार दिन में ही पहुंचा. चीन के अलावा चार और देश हैं, जिन्हें 1,000 से 5,000 तक पहुंचने में एक हफ्ते से भी कम (6 दिन के अंदर ही) वक्त लगा.
स्पेन, ईरान और तुर्की में ये उछाल पांच दिन में आया. वहीं अमेरिका में छह दिन लगे. भारत समेत 13 देश ऐसे हैं, जिन्हें 1,000 केस से 5,000 तक पहुंचने में सात से 10 दिन लगे.
कोरोना संक्रमण पर लगभग क़ाबू पाने की बात चीन ने कही है (तस्वीर इंडिया टुडे)
इटली जहां कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे ज्यादा मौत हुई हैं, उसे 1,000 केस से 5,000 तक पहुंचने में सात दिन लगे. यूके, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया को इस उछाल में सात दिन ही लगे. वहीं, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया और इजरायल ने आठ दिन में ये उछाल देखा.
रूस समेत नौ देश ऐसे हैं, जिन्हें 1,000 से 5,000 केस पहुंचने में 10 या इससे ज्यादा दिन लगे. रूस को 10, बेल्जियम को 11, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और चिली को 13-13 दिन इस उछाल को देखने में लगे.
जापान में कोरोना के संक्रमण की स्पीड सबसे कम रही है और मौत के आंकड़े भी बाक़ी देशों से कम तेज़ हैं (तस्वीर इंडिया टुडे)
जापान को 100 से 1,000 केस तक पहुंचने में दुनिया में सबसे ज्यादा 29 दिन लगे थे. यानी संक्रमण की रफ्तार को धीमा रखने में जापान का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा. जापान में अभी तक कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या करीब 4,200 तक पहुंची है. जापान ने भी अभी तक लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया है.